नाव हादसा: सामने थी मौत, फरिश्ता बनकर आया जाकिर

मौत का मंजर सामने था, लेकिन किसान जाकिर ने दिलेरी दिखाई और पांच लोगों की जान बचाई। डूबते लोगों को एक- एक करके किनारे तक ले गया।


नगर के मोहल्ला मल्हान निवासी किसान नूर हसन ने हरियाणा के यमुना खादर में ठेके पर जमीन ले रखी है। बृहस्पतिवार को वह अपने बेटे जाकिर और पोते समीर के साथ नाव में सवार होकर बागपत लौट रहे थे। अचानक नाव पलट गई। महिलाओं ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। जाकिर (30) ने एक- एक कर लोगों को किनारे पर ले जाना शुरू किया। पिता नूर हसन (60) ने उसकी मदद की। बेटे समीर (10) को भी वह किनारे तक लाया। एक- एक करके यमुना में डूब रहे पांच लोगों को उसने किसी तरह निकाला। 

इसके बाद गोताखोर इरफान, आबिद, हुसने शरीफ और काला पहुंच गए। जाकिर ने बताया कि स्कूल की छुट्टी होने के कारण पहली बार उनका बेटा समीर भी खेतों में साथ गया था। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।